13 जुलाई की शाम को मुंबई सीरियल ब्लास्ट से जहां दहल उठी तो दो दिन बाद ही 16 जुलाई को शाहरुख खान के घर मन्नत में जश्न मनाया जा रहा था। एक तो शाहरुख के दो परम सखाओं ऋतिक रोशन और फरहान की ताजा रिलीज फिल्म जिंदगी ना मिलेगी दोबारा के हिट होने की खुशी और दूसरी खुशी उसी दिन फिल्म की हीरोइन कैटरीना कैफ के जन्मदिन की थी। जाहिर है, इस खुशी में इन सितारों के यार-दोस्त भी शरीक हुए और वह सब कुछ हुआ, जो हाई-प्रोफाइल पार्टियों में होता है। यह भुलाकर कि दो दिन पहले मुंबई किस तरह लहूलुहान हुई थी। कई घरों के चिराग हमेशा के लिए बुझ गए और कई की हालत नाजुक थी। आखिर कौन-सी दुनिया में रहते हैं ये सुपरस्टार्स। खाते मुंबई का हैं तो कुछ दिन उसी मुंबई के लिए संयम नहीं दिखा सकते थे। जश्न मनाना ही था तो चुपचाप मना लेते। पब्लिसिटी मैनेजर्स के जरिए पेज-थ्री तक इसकी खबरें पहुंचाना क्या जरूरी था? जिनके अपने हमेशा के लिए चले गए कम से कम उन्हीं का खयाल कर लिया होता। खैर छोडि़ए, इन सितारों की कोई फिल्म रिलीज होनी हो तो उसके प्रमोशन के लिए ये सब कुछ करने को तैयार रहते हैं। फिल्म का थीम किसी सामाजिक मुद्दे से जु़ड़ा है तो कहना है क्या? फिर इन्हें सारे सोशल ऑब्लिगेशंस भी याद आ जाते हैं। इसी सोशल ऑब्लिगेशंस पर याद आया कि मैंने 26/11 हमलों को एक साल पूरा होने पर एक पोस्ट लिखी थी किहम देश के रिस्पांसिबल सिटीजन हैं। हमारा भी कुछ मॉरल ड्यूटी बनता है। कैसे पता चलेगा कि हमारा सोशल ऑब्लिगेशन कितना स्ट्रांग है? एक तरफ किटी की टेबल पर विदेशी परफ्यूम में तर-बतर मोहतरमाएं और दूसरी तरफ बिलियर्ड्स की टेबल पर शॉट लेते हुए जेंटलमैन। हां तो यंग मेन एंड यंग लेडीज (यहां उम्र जितनी भी हो जाए, लेकिन चेहरे पर पैसे की चमक सबको एवरग्रीन यंग रखती है), क्या प्रपोजल्स है कल के लिए। सोशल फंड से अभी एडवांस पास करा लेते हैं। कल कोई दिक्कत नहीं आएगी। सबसे पहले मिसेज दारूवाला उठती हैं। मेरे ख्याल से कल इलीट क्लब से सिटी मॉल तक आधे किमी का कैंडल लाइट मार्च निकाला जाए। हमारे जैसी सेलिब्रिटीज इसमें हिस्सा लेंगी तो श् ाहर के आम लोगों को इससे अच्छी प्रेरणा मिलेगी। मिसेज दारूवाला की बात खत्म होने से पहले ही क्लैपिंग से क्लब गूंज उठता है।
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