बॉडी लैंग्वेज

टे्रन का सफर। मेरे सामने वाली सीट पर एक महिला बैठी है। मैंने कई प्रकार से उसका ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करने का प्रयास किया है, लेकिन उसकी लापरवाही इतनी जबर्दस्त कि कुछ भी समझ में नहीं आ रहा। अंत में मैंने अपनी बॉडी लैंग्वेज को निकाला और उससे अपना अध्ययन प्रारंभ किया। इस अध्ययन में मैंने पाया कि उसकी लापरवाही शत-प्रतिशत मेरे पक्ष में है। मुझे लगा कि उसके भीतर मेरे प्रति झुकाव का सागर लहरा रहा है।


इसी गरज से मैंने फिर कहा- "शायद आपकी पानी की केतली में पानी नहीं है। लाइए गाड़ी खड़ी है। मैं भर लाता हूँ।" उसने जैसे सुना ही नहीं। मुझे लगा शिखरवार्ता का वातावरण बन नहीं रहा है। अतः मुझे अभी अपनी अटकलों के सहारे ही काम चलाना चाहिए। मैंने फिर बॉडी लैंग्वेज का प्रयोग शुरू कर दिया। मुझे फिर लगा-मेरा मुद्दा सही है और अगले संवाद तक बात बन जाएगी। मैं सोच रहा था कि मुझे धैर्य से काम लेना चाहिए।

इस बार मैंने वार्ता को आगे बढ़ाया- "आप दिल्ली जा रही हैं और दिल्ली अभी दूर है। वार्ता में हर्ज क्या है ?"इस बार भी महिला ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, मैंने ही कहा- "इस तरह तो कोई संयुक्त घोषणा-पत्र जारी नहीं हो पाएगा।"

इस बार उसने मुझे देखा और कहा- "ताजमहल बहुत ही लाजवाब है, मैंने उसे देखा है और दाँतों के नीचे अँगुली को दबाया है। तुमने देखा है आगरा ?" मैंने मन में सोचा चलो संवाद तो प्रारंभ हुआ। मैं बोला- "आगरा में मेरा तीन महीने साइको ट्रीटमेंट चला था लेकिन अब मैं ठीक हूँ। " "ओह आई सी। लेकिन ताजमहल के बारे में बताओ कुछ।"

मैं तनिक संकोच के साथ बोला-"दरअसल, ताजमहल तो मैंने देखा है लेकिन उसके बारे में याद कुछ भी नहीं है, इधर जो एक घंटे पहले स्थिति तनावपूर्ण थी, मेरे ख्याल से अब हालात सहज होने लगे हैं।"

महिला ने इस बार फिर चेहरे पर सख्ती को उभारा और कहा- "मुझे दिल्ली घूमना है, सैर सपाटा, खाना-पीना और आरामतलबी का ध्येय है। तुम इन पर कितना व्यय कर सकते हो ?" मैं बोला- "मेरी जेब में जितने हैं, वे सब खर्च कर दूँगा। लेकिन तुम्हें संवाद बनाए रखना होगा। खर्चा भी हो जाए और परिणाम ढाक के तीन पात निकला तो घरवाले मुझे माफ नहीं करेंगे। इसलिए मैं बार-बार संयुक्त घोषणा-पत्र पर जोर दे रहा था।"

महिला के तेवर बदल गए। बोली- "यह सब बकवास है। हम संयुक्त हो ही नहीं सकते तो संयुक्त घोषणा-पत्र कैसा ?" "लेकिन मेरी बॉडी लैंग्वेज कह रही है कि हम बहुत कुछ करने में सक्षम हैं।" मेरी इस बात पर महिला ने कहा- "मेरी बॉडी लैंग्वेज तुम्हारे जैसे लल्लू क्या समझेंगे।"यह कहकर वह भुनभुनाती हुई डिब्बे से उतर गई और मैं फिर बॉडी लैंग्वेज के कयास में डूबने-उतराने लगा

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