भारत का अपमान
अमृत इंदर को इटली के मिलान हवाई अड्डे पर बदसलूकी का शिकार होना पड़ा
्ीटा्रखों के साथ विभिन्ना देशों में धार्मिक आधार पर भेदभाव अथवा उनकी धार्मिक पहचान के साथ छेड़छाड़ की घटनाएँ अकसर होती रहती हैं। ऐसी घटनाएँ आमतौर पर हवाई अड्डों पर सुरक्षा जाँच के नाम पर होती हैं। ऐसी हर घटना के बाद मीडिया में शोर मचता है, जिसके कारण बहुत हुआ तो संबंधित देश की सरकार का कोई प्रवक्ता खेद जताकर मामले पर लीपापोती कर देता है और बात आई-गई हो जाती है। ताजा मामला भारत के स्टार गोल्फर जीव मिल्खा सिंह के कोच अमृत इंदर सिंह से जुड़ा है। अमृत इंदर को इटली के मिलान हवाई अड्डे पर सुरक्षा अधिकारियों की बदसलूकी का शिकार होना पड़ा। सुरक्षा जाँच के दौरान अधिकारियों ने अमृत इंदर को अपनी पगड़ी उतारने को कहा। इस पर अमृत इंदर ने विरोध जताया लेकिन सुरक्षा अधिकारियों का कहना था कि वे अपनी पगड़ी की जाँच कराए बिना विमान में नहीं चढ़ सकते। अमृत इंदर ने सुरक्षा अधिकारियों को अपना और जीव मिल्खा सिंह का परिचय भी दिया तथा अपना पासपोर्ट भी दिखाया और कहा कि वे ३५ वर्षों से दुनिया भर में घूम रहे हैं, लेकिन इससे पहले उनके साथ सुरक्षा जाँच के नाम पर ऐसा व्यवहार कहीं भी नहीं हुआ। लेकिन इस सबका मिलान हवाई अड्डे के सुरक्षा अधिकारियों पर कोई असर नहीं हुआ और आखिरकार अमृत इंदर को अपनी पगड़ी उतारनी ही पड़ी। यह कोई पहली घटना नहीं है। अभी कुछ ही दिनों पूर्व दिसंबर महीने में संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजनयिक हरदीप पुरी भी अमेरिका के हॉस्टन हवाई अड्डे पर सुरक्षा जाँच के नाम पर इसी तरह की घटना के शिकार हुए थे। यह सिख धर्म और भारत का अपमान है। यह ठीक है कि दुनिया भर में तेज हुई आतंकवादी गतिविधियों के मद्देनजर विभिन्ना देशों ने अपने यहाँ के हवाई अड्डों पर सुरक्षा नियम कड़े कर दिए हैं। लेकिन नियम-कायदों के साथ-साथ ही व्यक्ति की निजता और गरिमा भी महत्वपूर्ण है। सिख मतावलंबी दुनिया भर में फैले हुए हैं और सब जानते हैं कि पगड़ी उनकी धार्मिक पहचान से जुड़ी है। फिर हमारे तो प्रधानमंत्री भी सिख हैं और वे भी पगड़ी पहनते हैं। भारत सरकार को चाहिए कि वह यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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